
देहरादून- आज से उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन सरकार ने अनुपूरक बजट को सदन के पटल पर रखा। सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार को सदन और सदन के बाहर दोनों जगह घेरने की पूरी कोशिश की।
शीलकालीन सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस ने अपनी रणनीति पर काम करते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया। एक ओर सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के विधायक विधानसभा की सीड़ियों पर धरने पर बैठ गये। वहीं जैसे सत्र शुरू हुआ कांग्रेस के विधायकों ने नियम 310 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग की। जिस पर विधानसभा अध्यक्षा ने नियम 58 के तहत चर्चा को स्वीकार भी किया। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्नकाल विधायकों ने अपने क्षेत्र से संबंधित प्रश्न सदन में उठाये। प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मंत्रियों पर बिना तैयारी के सदन में आने का आरोप लगाया। जिसका जवाब देते हुए मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि सभी मंत्री अपनी पूरी तैयारी करके आये थे, विस्तृत क्षेत्र होने के कारण सभी सवालों का जवाब देना संभव नहीं हो पाता। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया।
सदन में आज की कार्रवाई में 4 बजे वित्त मत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट को सदन के पटल पर रखा। 5440.43 करोड़ रूपये का अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा गया। इसके साथ ही नियम 58 के तहत विपक्ष की मांग पर कानून व्यवस्था पर चर्चा की गई। इस चर्चा में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने अंकिता हत्याकांड को लेकर सरकार को घेरा। इस चर्चा में ड्रग्स के बढ़ते कारोबार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किये गये। इसके साथ ही सदन में 9 विधेयकों को पुनर्स्थापित किया गया। साथ ही प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 और धार्मिक स्वतंत्रता कानून को सदन के पटल में रखा गया।