
देहरादून – पूर्व विधायक संगठन से जुड़े पदाधिकारीयों ने उत्तराखंड प्रदेश से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों पर अपने 15 सूत्रीय सुझावों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।उत्तराखंड से जुड़े आख़िर ये 15 सूत्रीय सुझाव क्या क्या रहे हैं आइए आपको दिखाते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद पूर्व विधायक संगठन ने प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए तमाम समसमायिक मुद्दों पर अपनी बातचीत साझा की हैं। बता दें कि पूर्व विधायक संगठन के अध्यक्ष लाखीराम जोशी ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया है कि संगठन के मुहाने पर रिटायर होने के बाद दोबारा नियुक्त होने वाले अधिकारी निशाने पर हैं इसके अलावा आउटसोर्स के माध्यम से हो रही भर्तियों पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। उत्तराखंड में विस्थापन नीति के तहत ही लोगों को बसाया जाय।आग की जद में आने वाले लकड़ी के मकानों को आपदा नीति में किया शामिल किया जाए ताकि फौरी तौर पर प्रभावितों को मदद मिल सके।
पूर्व विधायक संगठन ने राज्य सरकार को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी भू–कानून लागू करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण पर सरकार ठोस रणनीति, मूल निवास अनिवार्य रूप से लागू करने,पलायन पर ठोस रणनीति बनाने,चकबंदी,पर्यटन और उद्यान के लिए ठोस नीति,भर्ती में आरक्षण की व्यवस्था का सुनिश्चितिकरण जैसे मुद्दों की पैरवी की है पर इन सबके बीच एक दिलचस्प बात ये रही कि पूर्व विधायक संगठन के अध्यक्ष लाखीराम जोशी प्रदेश में ‘ट्रेंडिंग’ दलबदल की राजनीति के सवाल पर कन्नी काटते नज़र आए हैं। गौरतलब है कि पूर्व विधायक संगठन ने कार्यकारिणी के विस्तार की जानकारियां भी साझा की हैं जो कुछ इस तरह हैं यमुनोत्री विधानसभा से विधायक केदार सिंह को संगठन में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी, उत्तरकाशी से पूर्व विधायक ज्ञानचंद को भी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। झबरेड़ा पूर्व विधायक देशराज कर्नवाल को महामंत्री की जिम्मेदारी जबकि घनसाली से पूर्व विधायक भीमलाल आर्य को सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।