

उत्तरकाशी- तिब्बती लुटेरों पर जीत का पर्व मंगसीर बग्वाल 2 से 5 दिसंबर तक मनाया जाएगा। अनघा माउंटेन एसोसिएशन ने बग्वाल के भव्य आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एसोसिएशन इस बार दर्जनों गांवों में बग्वाल मनाएगी।
इस बग्वाल मनाने के पीछे मान्यता है कि तिब्बत के भोट प्रांत से टिहरी रियासत पर निरंतर आक्रमण होते रहते थे। राजा महिपत शाह ने आक्रमणकारियों का दमन करने के लिए माधो सिंह भंडारी व लोदी रिखोला के नेतृत्व में एक सेना की टुकड़ी भेजी जो तिब्बती लुटेरों पर विजय प्राप्त कर तवाघाट तिब्बत तक पहुंच गए लेकिन कार्तिक मास की दीपावली तक घर नहीं लौट पाए। बाद में उन्होंने संदेश भिजवाया की जीतकर लौटेंगे। जिस दिन वह वापस लौटे उस दिन बग्वाल मनाई गई। इसे मंगसीर बग्वाल के नाम से जाना गया।
बग्वाल में ये रहेगा खास
2 दिसंबर- सुमन सभागार में गढ़ भाषण, गढ़ निबंध, गढ़ चित्रण, रस्साकस्सी, मुर्गा झपट।
3 दिसंबर-रामलीला मैदान में गढ़ संग्रहालय, श्वेत श्याम फोटो प्रदर्शनी, गढ़भोज, गढ़ फैशन शो
4 दिसंबर-गढ़ संग्रहालय, श्वेत श्याम फोटो प्रदर्शनी, गढ़भोज श्री कंडार देवता मंदिर से बग्वाल सांस्कृतिक यात्रा रामलीला मैदान की ओर प्रस्थान गढ़ बाजणा, रासो-तांदी नृत्य और भैलो नृत्य।
5 दिसंबर-जिला अस्पताल में मैक्स अस्पताल की ओर से निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन।