

आइआइटी में बुधवार को 250 ग्राम का नैनो ड्रोन उड़ा और देखते ही देखते आंखों से ओझल हो गया। उसमें आवाज बिल्कुल भी नहीं आई, जबकि आरव ड्रोन दुश्मन के ड्रोन को खदेड़कर ही माना। यूएवी आवेग ने हवा में ही थ्री डी नक्शा तैयार कर मोबाइल पर भेज दिया। मौका था ड्रोन मेले के आयोजन का, जिसमें एक से बढ़कर एक मानव रहित विमान (यूएवी) ने सुरक्षा, सतर्कता और सहायता की ताकत दिखाई गई। यह न सिर्फ हवा में उड़े, बल्कि अपनी तकनीक का जलवा बिखेरा। कोई हथेली के बराबर था तो कोई चार फीट लंबा था। मेले के आयोजन में नागरिक उड्डयन मंत्रालय व फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने सहयोग किया।
पुलिस आयुक्त असीम अरुण बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय संयुक्त सचिव अंबर दुबे, फिक्की ड्रोन समिति के अध्यक्ष राजन लूथरा, उप निदेशक प्रो. एस गणेश, प्रो. अभिषेक समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। स्कूल के कुछ छात्र-छात्राओं और किसानों को भी आमंत्रित किया गया था। यह आयोजन फ्लाइट टेस्टिंग परिसर में हुआ। विभिन्न ड्रोन कंपनियों ने अपने ड्रोन, एयरोप्लेन और हेलीकाप्टर ड्रोन का प्रदर्शन किया। अंबर दुबे ने बताया कि देश के 6.6 लाख से अधिक गांवों के लिए डिजिटल भूमि होल्डिंग रिकार्ड बनाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।