अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद का विवादित बयान सामने आया है। कर्नाटक कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि राज्य में गोधरा जैसा दंगा हो सकता है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अयोध्या जाने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक इवेंट बताया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह सरकार की ड्यूटी है कि वह लोगों की जान और माल की सुरक्षा करे। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में आयोजन होने के दौरान कर्नाटक में गोधरा जैसा दंगा हो सकता है।’
उन्होंने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार से कहा कि उसे अलर्ट रहना चाहिए क्योंकि 2002 में गुजरात में भी ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान कारसेवकों को गोधरा में जिंदा जला दिया गया था। कांग्रेस नेता के इस बयान पर विवाद होना भी तय माना जा रहा है। दरअसल कर्नाटक में पहले ही हिंदू ऐक्टिविस्ट श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी पर बवाल मचा हुआ है। 60 साल के पुजारी को कर्नाटक पुलिस ने शुक्रवार को हुबली में 1992 में हुए दंगों के मामले में अरेस्ट किया गया। ये दंगे अयोध्या में बाबरी ढांचे के ध्वंस के बाद भड़के थे। इसके चलते राज्य में बवाल मच गया है और भाजपा ने इसे हिंदुओं के उत्पीड़न की कोशिश बताया है।
भाजपा का कहना है कि कर्नाटक सरकार ने अयोध्या में होने वाले आयोजन के विरोध में यह कदम उठाने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस सरकार का कहना है कि यह ऐक्शन कानूनी है और इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है। भाजपा बुधवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन कर रही है। पार्टी चीफ बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस का यह कदम हिंदू विरोधी है। पुजारी को ऐसे वक्त में गिरफ्तार करना, जब करोड़ों लोग अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे हैं हिंदुओं का अपमान है।