यूपी, दिल्ली, हरियाणा, सहित देशभर से गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए खुशखबरी है। देशभर के श्रद्धालु अब गंगा में डुबकी लगाने के बाद गंगाजल से आचमन भी भर सकेंगे। गंगा घाटों में पर्याप्त मात्रा में गंगाजल मिलने से श्रद्धालुओं को मायूस होकर अब नहीं लौटना पड़ेगा।
20 दिन के लंबे इतंजार के बाद अब हरकी पैड़ी में पर्याप्त मात्रा में गंगाजल उपलब्ध हो सकेगा। वार्षिक बंदी के दौरान 23 और 24 अक्तूबर की मध्य रात्रि को बंद की गई ऊपरी खंड गंगनहर को शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने दोबारा खोल दिया गया। वार्षिक बंदी के दौरान यूपी सिंचाई विभाग ने गंगनहर में साफ-सफाई और मरम्मत के कार्य किए।
हर वर्ष यूपी सिचाई विभाग गंगनहर को दशहरे के दिन बंद करता हैं। बंदी के दौरान नहर में रंग रोगन, पुलों की मरम्मत, सिल्ट की सफाई, सिंचाई के लिए बने नालों की मरम्मत आदि कार्य किए जाते हैं। गंगनहर को मायापुर बैराज से बंद किया जाता है। गंगनहर बंद होने के बाद हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं के लिए गंगा जल की उपलब्धता कम रहती है।
यूपी सिंचाई विभाग के साथ हुए अनुबंध के अनुसार श्रद्धालुओं की आस्था का ध्यान रखते हुए हरकी पैड़ी पर पांच हजार क्यूसेक जल गंगा बंदी के समय उपलब्ध रहता है। बंदी के दौरान हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने लायक जल नहीं मिलता है। शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि को गंगनहर को दोबारा खोले जाने के बाद हरकी पैड़ी और आसपास के क्षेत्र में जल की मात्रा बढ़ गई है।