
पौड़ी- पौड़ी शहर लंबे समय बाद उत्तराखंड आंदोलन के बाद एक जुट हुआ है। संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के लोगों ने शहर की समस्याओं को लेकर जनाक्रोश रैली को दिल से भरपूर समर्थन दिया। रैली में युवाओं के साथ महिलाएं और बुजुर्गों ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया। इस दौरान रामलीला मैदान में आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिश काल में पौड़ी कमिश्नरी बनाई गई थी। आजादी के बाद से पौड़ी के मंडल मुख्यालय में रौनक रहती है। अधिकारियों का जमावड़ा रहने के साथ लोगों की अच्छी आबादी निवासी करती थी। लेकिन राज्य गठन के बाद सरकार और प्रशासन की उदासीन रवैये के चलते धीरे- धीरे पौड़ी का स्वरूप बदल गया और आज पौड़ी शहर में अपने पुराने स्वरूप में तरस रहा है। इस दौरान लोगों एक स्वर में पौड़ी में पुराने स्वरूप को लौटाने के लिए आवाज बुलंद करने पर बात कही। इस दौरान पौड़ी संघर्ष समिति के संयोजक नमन चंदोला ने कहा कि पौड़ी शहर के लोग आज मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है। सड़क की हालत किसी से छुपी नहीं है जगह- जगह पर सड़कों पर गड्डे हो गए है। इसके अलावा पीपीपी मोड पर जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार दम तोड़ती नजर आ रही है। जिला व नगर पालिका प्रशासन जनता की समस्याओं के लेकर आज तक गंभीर नहीं हुई। जिसकारण शहरवासियों को आज एकजुट होना पड़ रहा है। कहा कि जल्द उनकी सभी मांगे पूरी नहीं हुई तो 25 फरवरी से आमरण् शुरू किया जाएगा। संयुक्त संघर्ष समिति अध्यक्ष मनोज रावत अंजुल व व्यापार संघ के कोषाध्यक्ष कुलदीप गुसाईं ने भी पौड़ी शहर की समस्याओं के समाधान को लेकर आंदोलन को जारी रखने की बात कही। इससे पूर्व जनाक्रोश रैली रामलीला मैदान से शुरू हुई और शहर के एजेंसी चौक, माल रोड, बस अड्डा से होकर कलेक्ट्रेट गेट पर समाप्त हुई। जहां पर लोगों का हुजुम देखने लायक रहा है। इस दौरान विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने एडीएम ईला गिरी के माध्यम से समस्याओं के समाधान को लेकर एक ज्ञापन सीएम पुष्कर सिंह धामी को भेजा। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनोद नेगी, जिला पंचायत सदस्य केशर सिंह रावत, वीरेंद्र रावत, जसपाल रावत, निखिल रौथाण, मोहित सिंह, सरित नेगी आदि भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।