एनसीपी चीफ शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने शिरडी के एक कैंप में राम मंदिर उद्घाटन को लेकर बयान देकर बखेड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि राम हमारे हैं, वे बहुजनों के हैं। राम शिकार करते थे और मांस खाते थे। इसलिए हम भी मांसाहारी हैं लेकिन, आप हमे शाकाहारी बनाने पर तुले हैं। अपनी बात को सही साबित करने के लिए तर्क भी दिया कि 14 साल जंगल में रहने वाला व्यक्ति शाकाहारी भोजना कहां से जुटाएगा।
शिरडी में शिविर के बाद अपने भाषण में जितेंद्र आव्हाड ने अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम मांसाहारी थे और वे लोग उन्हें शाकाहारी बनाने में लगे हैं। कोई व्यक्ति जो 14 साल जंगल में रहे, शाकाहारी भोजना कहां से ढूंढेंगे? मैं भी रामभक्त हूं और मांस खाता हूं।
भाषण के बाद मीडिया से बातचीत में आव्हाड ने कहा”मैंने कोई विवादित बयान नहीं दिया है। मैं अपने बयान पर कायम हूं। श्रीराम को शाकाहारी बनाया जा रहा है। लेकिन क्या निर्वासन के दौरान उन्होंने मेथी की सब्जी खाई थी? इस देश में 80 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं और वे राम भक्त हैं”।
अपने बयान का समर्थन करते हुए,आव्हाड ने मानव के इतिहास का हवाला दिया। उन्होंने कहा, हजारों साल पहले, जब कुछ भी नहीं उगाया जाता था, सभी लोग मांसाहारी थे। आव्हाड ने कहा, ”हम कभी मुंह में राम और मन में रावण नहीं करते। राम तुम्हारे पिता नहीं हैं और हमारे पिता भी नहीं हैं। मैं राम दर्शन करने जा रहे तीनों दलों के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या सिर्फ अपने माता-पिता की इच्छा के कारण 14 वर्ष का वनवास भोगने वाले राम इन तीन दलों में हो सकते हैं?