भाजपा ने जिस दिन डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की, उसी समय से इसे उत्तर प्रदेश और बिहार के यादव समाज पर केंद्रित दांव के रूप में देखा जाने लगा था। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) और लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सजातीय वोटबैंक को मोहने में भाजपा कितनी सफल हुई, यह बाद में पता चलेगा, लेकिन हाल ही में यादव समाज द्वारा झांसी और नोएडा में आयोजित ‘धन्यवाद मोदी जी’ कार्यक्रम भाजपा में यह भरोसा जरूर भर रहे हैं कि यादवों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मोहन अस्त्र’ असर दिखाने लगा है।
मध्य प्रदेश की सत्ता में भाजपा की बंपर वापसी के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने सभी को चौंकाते हुए उज्जैन के विधायक डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया। चुनावी राजनीति में जातीय समीकरणों के मजबूत प्रभाव के बावजूद राज्य में तुलनात्मक रूप से कम भागीदारी वाली यादव बिरादरी से मुख्यमंत्री बनाने के निर्णय को पड़ोसी राज्य यूपी और बिहार की राजनीति से ही जोड़कर देखा गया।
अब जब लोकसभा चुनाव का समय और नजदीक आता जा रहा है तो मोहन यादव के चयन से जोड़े जा रहे तर्क जमीनी आधार पाते दिखाई देने लगे हैं। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा को जोड़ने वाले झांसी से हुई। 22 दिसंबर, 2023 को यादव समाज के प्रबुद्धजन ने वहां ‘धन्यवाद मोदी जी’ कार्यक्रम किया। फिर उसी तरह 28 दिसंबर, 2023 को गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में कार्यक्रम हुआ।